महाकुंभ 2025 की तैयारियों के बीच, उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। प्रयागराज के महाकुंभ क्षेत्र को एक नया जिला बना दिया गया है। इस नए जिले का नाम ‘महाकुंभ मेला जनपद’ रखा गया है। यह फैसला आने वाले महाकुंभ मेले के बेहतर प्रबंधन के लिए लिया गया है।
नए जिले का गठन
महाकुंभ मेला जनपद में प्रयागराज के चार तहसील शामिल किए गए हैं:
- सदर
- सोरांव
- फूलपुर
- करछना
इन चार तहसीलों के कुल 67 गांवों को नए जिले में जोड़ा गया है। इसके अलावा, पूरा परेड क्षेत्र भी इस नए जिले का हिस्सा बन गया है।
नए जिले का उद्देश्य
इस नए जिले का मुख्य उद्देश्य है:
- कुंभ मेले का बेहतर प्रबंधन
- प्रशासनिक कामों को आसानी से चलाना
- तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाना
उत्तर प्रदेश में जिलों की संख्या
इस नए जिले के बनने से उत्तर प्रदेश में जिलों की कुल संख्या बढ़ गई है:
- पहले: 75 जिले
- अब: 76 जिले
महाकुंभ 2025 की तैयारियां
महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। यह बड़ा धार्मिक मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। इस बार के महाकुंभ में कई नई चीजें देखने को मिलेंगी:
- डिजिटल महाकुंभ: सभी जानकारी वेबसाइट और ऐप पर मिलेगी
- चैटबॉट: अलग-अलग भाषाओं में जानकारी देगा
- AI कैमरे: सुरक्षा के लिए लगाए जाएंगे
- 1 लाख से ज्यादा टेंट: तीर्थयात्रियों के रहने के लिए
नए जिले में शामिल गांव
महाकुंभ मेला जनपद में शामिल किए गए कुछ प्रमुख गांव हैं:
तहसील सदर से:
- कुरैशीपुर
- कीटगंज
- बराही पट्टी
- मुस्तफाबाद
- शादियाबाद
- चांदपुर सलोरी
तहसील सोरांव से:
- बेला कछार बारूदखाना
- पड़िला
- मनसैता
तहसील फूलपुर से:
- बेला सैलाबी
- सिहोरी
- इब्राहिमपुर
- रसूलपुर
- झूंसी कोहना
तहसील करछना से:
- मदनुवा
- मवैया
- देवरख
- अरैल
- जहांगीराबाद
महाकुंभ 2025 की खास बातें
- कुल छह शाही स्नान होंगे
- करोड़ों तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद
- भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने का बड़ा मौका
- देश-विदेश से लोग आएंगे
सरकार की तैयारियां
उत्तर प्रदेश सरकार महाकुंभ 2025 को यादगार बनाने की पूरी कोशिश कर रही है:
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद तैयारियों पर नजर रख रहे हैं
- सभी राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को न्योता भेजा जाएगा
- भारत और विदेशों में रोड शो किए जाएंगे
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को तैयारियों का जायजा लेंगे
नए जिले के अधिकार
महाकुंभ मेला जनपद के मेला अधिकारी को कई विशेष अधिकार दिए गए हैं:
- कार्यकारी मजिस्ट्रेट की शक्तियां
- जिला मजिस्ट्रेट की शक्तियां
- अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट की शक्तियां
- कलेक्टर के सभी अधिकार
महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ हिंदू धर्म का सबसे बड़ा मेला है। यह हर 12 साल में एक बार लगता है। इस मेले में:
- लाखों लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं
- साधु-संत बड़ी संख्या में आते हैं
- आध्यात्मिक प्रवचन होते हैं
- भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है
निष्कर्ष
महाकुंभ मेला जनपद की घोषणा से साफ है कि सरकार महाकुंभ 2025 को बहुत अहमियत दे रही है। यह नया जिला न सिर्फ मेले के प्रबंधन में मदद करेगा, बल्कि तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाएं भी बढ़ाएगा। आने वाले दिनों में और भी कई तैयारियां देखने को मिलेंगी, जो इस महाकुंभ को पिछले सभी कुंभ मेलों से अलग और यादगार बनाएंगी।