सरोगेसी के माध्यम से परिवार बनाना: क्या यह आपके लिए सही विकल्प है?

सरोगेसी के माध्यम से परिवार बनाना: क्या यह आपके लिए सही विकल्प है?

क्या आपने कभी सोचा है कि कैसे कुछ लोग बच्चे पैदा करने में असमर्थ होने के बावजूद माता-पिता बन जाते हैं? इसका जवाब है सरोगेसी। आइए जानें इस आधुनिक चिकित्सा प्रक्रिया के बारे में जो कई परिवारों के लिए खुशियों का द्वार खोल रही है।

सरोगेसी क्या है?

सरोगेसी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक महिला दूसरे जोड़े के बच्चे को अपने गर्भ में पालती है। इस महिला को सरोगेट मदर कहा जाता है। यह उन लोगों के लिए एक उम्मीद है जो खुद बच्चा पैदा नहीं कर सकते।

सरोगेसी के प्रकार

सरोगेसी दो तरह की होती है:

1. जेस्टेशनल सरोगेसी: इसमें सरोगेट मदर का अंडा नहीं होता। बच्चे के माता-पिता या दाता के अंडे और शुक्राणु से भ्रूण बनाया जाता है।

2. ट्रेडिशनल सरोगेसी: इसमें सरोगेट मदर का अंडा इस्तेमाल होता है। इसलिए वह बच्चे की जैविक मां भी होती है।

सरोगेसी कब की जाती है?

कई कारणों से लोग सरोगेसी चुनते हैं:

  • जब महिला का गर्भाशय नहीं होता
  • बार-बार गर्भपात होने पर
  • कई बार IVF असफल होने पर
  • गर्भाशय में टीबी होने पर
  • कोई ऐसी बीमारी जो गर्भधारण में रुकावट डालती हो

सरोगेसी की प्रक्रिया

  1. सबसे पहले एक स्वस्थ सरोगेट मदर चुनी जाती है।
  2. फिर बच्चे के माता-पिता या दाता के अंडे और शुक्राणु से भ्रूण बनाया जाता है।
  3. यह भ्रूण सरोगेट मदर के गर्भाशय में रखा जाता है।
  4. सरोगेट मदर पूरे 9 महीने गर्भ धारण करती है।
  5. बच्चे के जन्म के बाद उसे उसके माता-पिता को सौंप दिया जाता है।

सरोगेसी का खर्च

सरोगेसी का कोई तय खर्च नहीं होता। यह कई बातों पर निर्भर करता है:

  • सरोगेट मदर की देखभाल
  • नियमित जांच
  • खाने-पीने का खर्च
  • सरोगेट मदर को दी जाने वाली राशि
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इन सभी खर्चों को मिलाकर सरोगेसी का कुल खर्च तय होता है।

सरोगेसी के फायदे

  1. बांझपन से जूझ रहे जोड़ों को अपना बच्चा पाने का मौका मिलता है।
  2. गे और लेस्बियन जोड़े भी माता-पिता बन सकते हैं।
  3. उन महिलाओं के लिए जो गर्भधारण नहीं कर सकतीं, यह एक वरदान है।
  4. जेनेटिक बीमारियों से बचा जा सकता है।

सरोगेसी की चुनौतियां

  1. यह एक महंगी प्रक्रिया है।
  2. कानूनी जटिलताएं हो सकती हैं।
  3. भावनात्मक रूप से मुश्किल हो सकता है।
  4. सरोगेट मदर के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है।

भारत में सरोगेसी

भारत में सरोगेसी के नियम बदल गए हैं। अब सिर्फ भारतीय जोड़े ही सरोगेसी करा सकते हैं। विदेशी लोगों के लिए यह बंद कर दी गई है। इसके अलावा, सिर्फ परोपकारी सरोगेसी की अनुमति है, यानी पैसे के लिए सरोगेसी नहीं की जा सकती।

सरोगेसी और समाज

समाज में सरोगेसी को लेकर अलग-अलग राय हैं। कुछ लोग इसे आधुनिक चिकित्सा का चमत्कार मानते हैं, तो कुछ इसे अनैतिक कहते हैं। लेकिन धीरे-धीरे लोगों की सोच बदल रही है। अब ज्यादा से ज्यादा लोग इसे स्वीकार कर रहे हैं।

निष्कर्ष

सरोगेसी एक जटिल लेकिन आशाजनक प्रक्रिया है। यह कई लोगों के लिए परिवार बनाने का एक मौका है। हालांकि इसमें कई चुनौतियां हैं, लेकिन सही जानकारी और मार्गदर्शन से इन्हें पार किया जा सकता है। आने वाले समय में, बेहतर कानून और समाज की स्वीकृति के साथ, सरोगेसी और भी सुलभ हो सकती है।

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