सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे X (पूर्व में Twitter), TikTok और Facebook कई देशों में विभिन्न कारणों से प्रतिबंधित हैं। इन प्रतिबंधों के पीछे मुख्य वजह राष्ट्रीय सुरक्षा, गोपनीयता और गलत सूचनाओं का प्रसार होना है। आइए जानते हैं कि कौन से देश इन प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा चुके हैं और क्यों:
भारत
भारत ने जून 2020 में TikTok और 58 अन्य चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके पीछे चीन के साथ सीमा विवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा व गोपनीयता को लेकर चिंताएं थीं।
चीन
चीन ने 2009 में X, Facebook, Flickr और Hotmail जैसी वेबसाइट्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसका कारण विरोध प्रदर्शनों को बढ़ावा देना और गलत सूचनाओं का प्रसार था।
ईरान
ईरान ने 2009 में Green Movement विरोध प्रदर्शनों के दौरान राजनीतिक असंतोष को रोकने के लिए X और Facebook पर प्रतिबंध लगाया था।
रूस
रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन संघर्ष के दौरान नैरेटिव को नियंत्रित करने के लिए X और Facebook पर प्रतिबंध लगा दिया था।
उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया में सूचना प्रवाह पर पूर्ण नियंत्रण बनाए रखने के लिए X और Facebook पर प्रतिबंध है।
ब्राज़ील
अगस्त 2024 में ब्राज़ील ने कानूनी प्रतिनिधि नियुक्त करने में विफलता और गलत सूचनाओं की चिंताओं के कारण X पर प्रतिबंध लगा दिया।
वेनेजुएला
अगस्त 2024 में वेनेजुएला ने राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के पुन: चुनाव के बाद विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए 10 दिनों तक X पर प्रतिबंध लगाया था।
अफ़ग़ानिस्तान
अप्रैल 2022 में तालिबान ने युवाओं को भटकाने से बचाने और डिजिटल सामग्री पर नियंत्रण के हिस्से के रूप में TikTok पर प्रतिबंध लगा दिया।
म्यांमार
फरवरी 2021 में म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद विरोध प्रदर्शनों के आयोजन को रोकने के लिए X, Facebook और Instagram पर प्रतिबंध लगाया गया था।
पाकिस्तान
पाकिस्तान ने इस्लामी मूल्यों के लिए आपत्तिजनक सामग्री और राजनीतिक अशांति के कारण X और TikTok पर कई अस्थायी प्रतिबंध लगाए हैं।
इन प्रतिबंधों के अलावा, ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम और तायवान जैसे कई देशों ने डेटा गोपनीयता और साइबर सुरक्षा को लेकर चिंताओं के चलते सरकारी उपकरणों पर TikTok पर प्रतिबंध लगा दिया है। किर्गिस्तान ने अगस्त 2023 में बच्चों के विकास पर हानिकारक प्रभाव का दावा करते हुए TikTok पर प्रतिबंध लगा दिया।
कुल मिलाकर, ये प्रतिबंध सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के आसपास के राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उजागर करते हैं। सरकारें अक्सर राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए इन प्लेटफॉर्म्स पर नियंत्रण रखना चाहती हैं। हालांकि, कई लोग इन प्रतिबंधों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सूचना तक पहुंच के अधिकार का उल्लंघन मानते हैं। यह एक जटिल मुद्दा है जिस पर वैश्विक स्तर पर बहस जारी है।