सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) स्कीम, जो निवेशकों के लिए सोने में निवेश का एक आकर्षक और सुरक्षित विकल्प थी, को भारत सरकार ने 2024-25 के बजट में बंद करने का फैसला किया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा नवंबर 2015 में शुरू की गई यह स्कीम निवेशकों को बाजार से कम कीमत पर सोने में निवेश का मौका देती थी, साथ ही 2.5% का निश्चित वार्षिक ब्याज भी प्रदान करती थी। इसके अलावा, परिपक्वता पर कैपिटल गेन टैक्स में छूट जैसे लाभ भी इसे खास बनाते थे।
हालांकि, सरकार ने इस स्कीम को “महंगा और जटिल” बताते हुए इसे बंद कर दिया है। इसका कारण सोने की बढ़ती कीमतें और सरकार पर बढ़ता वित्तीय बोझ बताया जा रहा है। 2015 में शुरू हुई इस स्कीम की पहली सीरीज की परिपक्वता नवंबर 2023 में पूरी हुई, जिसमें निवेशकों को 128.5% का शानदार रिटर्न मिला। लेकिन अब नई सीरीज जारी नहीं की जाएगी।
क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड भारत सरकार द्वारा समर्थित एक निवेश योजना थी, जो भौतिक सोने की खरीद के बजाय डिजिटल रूप में सोने में निवेश का विकल्प प्रदान करती थी। यह स्कीम 8 साल की परिपक्वता अवधि के साथ आती थी, जिसमें 5वें वर्ष के बाद समय से पहले निकासी का विकल्प भी था। निवेशकों को सोने की कीमतों में वृद्धि के साथ-साथ 2.5% का निश्चित ब्याज मिलता था, जो अर्ध-वार्षिक रूप से उनके बैंक खाते में जमा होता था।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में अब भी निवेश का तरीका
हालांकि सरकार ने नई SGB सीरीज जारी करना बंद कर दिया है, लेकिन निवेशक अभी भी सेकेंडरी मार्केट के जरिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं। स्टॉक एक्सचेंज जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लिस्टेड पुराने SGBs को खरीदा और बेचा जा सकता है।
सेकेंडरी मार्केट में SGB खरीदने की प्रक्रिया:
- डीमैट खाता: SGB खरीदने के लिए आपके पास डीमैट और ट्रेडिंग खाता होना चाहिए। इसे Zerodha, Angel One, या SBI सिक्योरिटीज जैसे ब्रोकर के माध्यम से खोला जा सकता है।
- मार्केट चयन: स्टॉक एक्सचेंज पर उपलब्ध SGBs की सूची देखें। प्रत्येक बॉन्ड की कीमत इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा तय 999 शुद्धता वाले सोने की कीमत पर आधारित होती है।
- खरीदारी: अपने ट्रेडिंग खाते के जरिए बॉन्ड खरीदें। ध्यान दें कि सेकेंडरी मार्केट में कीमतें प्रीमियम (10-15% अधिक) पर हो सकती हैं।
- लिक्विडिटी और बिक्री: सेकेंडरी मार्केट में कोई लॉक-इन अवधि नहीं होती, जिससे आप कभी भी बॉन्ड बेच सकते हैं। हालांकि, बिक्री पर शॉर्ट-टर्म या लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स लागू हो सकता है।
सेकेंडरी मार्केट में निवेश के फायदे:
- लचीलापन: RBI की नई सीरीज का इंतजार किए बिना किसी भी समय निवेश और बिक्री संभव।
- छूट की संभावना: कुछ निवेशक जरूरत के कारण SGB को कम कीमत पर बेच सकते हैं, जिससे डिस्काउंट पर खरीदारी का मौका मिल सकता है।
- सुरक्षा: SGBs भारत सरकार द्वारा समर्थित हैं, जो इसे सुरक्षित निवेश बनाता है।
जोखिम:
- प्रीमियम कीमत: सेकेंडरी मार्केट में SGB की कीमत बाजार मूल्य से अधिक हो सकती है।
- लिक्विडिटी चुनौतियां: कुछ SGBs में कम ट्रेडिंग वॉल्यूम के कारण बिक्री में दिक्कत हो सकती है।
- टैक्स: परिपक्वता से पहले बिक्री पर कैपिटल गेन टैक्स लागू होता है, जो रिटर्न को प्रभावित कर सकता है।
SGB बंद होने के बाद गोल्ड में निवेश के वैकल्पिक विकल्प
SGB स्कीम बंद होने के बाद निवेशक गोल्ड में निवेश के लिए निम्नलिखित विकल्पों पर विचार कर सकते हैं:
- गोल्ड ईटीएफ (Exchange Traded Funds):
- गोल्ड ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड फंड हैं जो सोने की कीमतों को ट्रैक करते हैं। एक यूनिट 1 ग्राम सोने के बराबर होती है।
- लाभ: भौतिक सोने को स्टोर करने की जरूरत नहीं, उच्च लिक्विडिटी, और आसान खरीद-बिक्री।
- कैसे निवेश करें: डीमैट खाते के जरिए NSE या BSE पर गोल्ड ईटीएफ खरीदें।
- गोल्ड म्यूचुअल फंड:
- ये फंड गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड माइनिंग कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। फंड मैनेजर द्वारा प्रबंधित होने के कारण रिटर्न बेहतर हो सकता है।
- लाभ: SIP के जरिए छोटी राशि से निवेश शुरू किया जा सकता है।
- कैसे निवेश करें: म्यूचुअल फंड कंपनियों या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से निवेश करें।
- डिजिटल गोल्ड:
- डिजिटल गोल्ड आपको ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे Paytm, Google Pay, या PhonePe के जरिए छोटी मात्रा में सोना खरीदने की सुविधा देता है।
- लाभ: न्यूनतम 1 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं, भौतिक सोने की शुद्धता की चिंता नहीं।
- जोखिम: कुछ प्लेटफॉर्म्स पर स्टोरेज शुल्क लागू हो सकता है।
- गोल्ड माइनिंग स्टॉक्स:
- सोना निकालने वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश करें, जो सोने की कीमतों से प्रभावित होते हैं।
- लाभ: सोने के साथ-साथ कंपनी के प्रदर्शन से लाभ।
- जोखिम: कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर, जो सोने की कीमतों से अलग हो सकता है।
- गोल्ड सेविंग्स स्कीम्स:
- ज्वैलर्स या वित्तीय संस्थानों द्वारा पेश की जाने वाली स्कीम्स, जिनमें नियमित रूप से छोटी राशि जमा करके सोना खरीदा जा सकता है।
- लाभ: छोटे निवेशकों के लिए उपयुक्त।
- जोखिम: स्कीम की विश्वसनीयता और शुल्क की जांच जरूरी।
गोल्ड में निवेश क्यों है जरूरी?
पिछले कुछ वर्षों में सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। 2025 में भारत में सोने की कीमत 84,900 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच चुकी है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और अमेरिकी नीतियों के कारण विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है। ऐसे में गोल्ड निवेश महंगाई से बचाव और लंबी अवधि में स्थिर रिटर्न का एक भरोसेमंद साधन है।
निष्कर्ष
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम भले ही बंद हो गई हो, लेकिन सेकेंडरी मार्केट और अन्य विकल्पों जैसे गोल्ड ईटीएफ, म्यूचुअल फंड, डिजिटल गोल्ड, और गोल्ड माइनिंग स्टॉक्स के जरिए निवेशक अभी भी सोने में निवेश कर सकते हैं। निवेश से पहले अपने वित्तीय लक्ष्य, जोखिम सहनशीलता, और लिक्विडिटी जरूरतों का आकलन करें। विशेषज्ञों से सलाह लेकर और बाजार की स्थिति को समझकर ही निवेश का निर्णय लें।