PM मोदी की ‘Ek Ped Maa Ke Naam 2.0’ योजना: पर्यावरण के साथ भावनात्मक जुड़ाव

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के मौके पर, 5 जून को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘Ek Ped Maa Ke Naam 2.0’ पहल की शुरुआत की। यह योजना न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देती है, बल्कि मातृत्व के प्रति सम्मान और भावनात्मक जुड़ाव को भी प्रोत्साहित करती है। आइए, इस अनूठी पहल के बारे में विस्तार से जानें और समझें कि यह कैसे भारत को हरा-भरा बनाने के साथ-साथ लोगों के दिलों को जोड़ रही है।

‘Ek Ped Maa Ke Naam’ क्या है?

‘Ek Ped Maa Ke Naam’ पहल की शुरुआत पिछले साल, 5 जून 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस पर हुई थी। इसका मूल विचार है—हर व्यक्ति अपनी माँ के नाम पर एक पेड़ लगाए, जो पर्यावरण के प्रति प्रेम और माँ की ममता का प्रतीक हो। 2025 में इस अभियान ने 2.0 संस्करण के साथ नया लक्ष्य रखा है—10 करोड़ पेड़ लगाने का, जो 5 जून से 30 सितंबर तक पूरा किया जाएगा।

यह योजना पर्यावरण संरक्षण को एक जन आंदोलन बनाने का प्रयास है। PM मोदी ने इसे “प्रकृति के प्रति प्रेम और मातृत्व के सम्मान” का अनूठा मिश्रण बताया है।

विश्व पर्यावरण दिवस 2025: PM मोदी का योगदान

5 जून 2025 को, PM मोदी ने दिल्ली के भगवान महावीर वनस्थली पार्क में एक बरगद का पौधा लगाकर इस अभियान की शुरुआत की। यह पौधरोपण अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट का हिस्सा था, जिसका लक्ष्य 700 किमी लंबे अरावली पर्वत श्रृंखला को फिर से हरा-भरा करना है। यह प्रोजेक्ट दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के 29 जिलों में 5 किमी के बफर क्षेत्र में हरियाली बढ़ाने पर केंद्रित है।

See also  दिल्ली–कानपुर में तापमान का विकराल दौर: कैसे रखें खुद को सुरक्षित?

इसके अलावा, PM मोदी ने अपने आवास, 7 लोक कल्याण मार्ग, पर एक सिंदूर का पौधा भी लगाया। यह पौधा गुजरात के कच्छ की उन वीरांगनाओं ने भेंट किया था, जिन्होंने 1971 के युद्ध में अदम्य साहस दिखाया था। PM ने इसे “महिला शक्ति और साहस का प्रतीक” बताया।

‘Ek Ped Maa Ke Naam 2.0’ के प्रमुख बिंदु

1. लक्ष्य: 10 करोड़ पेड़

  • 5 जून से 30 सितंबर 2025 तक, पूरे भारत में 10 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य।
  • यह अभियान व्यक्तियों, समुदायों, NGOs, और सरकारी विभागों को शामिल करता है।

2. अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट

  • अरावली पर्वत श्रृंखला में वनीकरण, पुनर्वनीकरण और जल स्रोतों की बहाली।
  • मिट्टी की उर्वरता, जल उपलब्धता और जलवायु लचीलापन को बढ़ावा।

3. नवीन तकनीक का उपयोग

  • पौधरोपण को जियो-टैग किया जाएगा और मेरी LiFE पोर्टल पर निगरानी होगी।
  • शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में जगह की कमी को देखते हुए नई तकनीकों का उपयोग।

4. स्थानीय समुदायों को लाभ

  • रोजगार और आय सृजन के अवसर।
  • थार रेगिस्तान के विस्तार को रोकने और धूल भरी आंधियों को नियंत्रित करने में मदद।

देशभर में उत्साह: नेताओं से लेकर आम लोग तक

‘Ek Ped Maa Ke Naam 2.0’ ने पूरे भारत में उत्साह पैदा किया है। कई प्रमुख हस्तियों और नेताओं ने इस अभियान में हिस्सा लिया:

  • कंगना रनौत: नवनिर्वाचित BJP सांसद और अभिनेत्री ने दिल्ली में अपने आवास पर पौधा लगाया और इसे PM मोदी को समर्पित किया। उन्होंने पर्यावरण योद्धाओं की सराहना करते हुए सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा कीं।
  • गुजरात के CM भूपेंद्र पटेल: गांधीनगर में मातृवन वनकवच की शुरुआत की, जिसमें सचिवालय परिसर में 4,000 पौधे लगाए गए। गुजरात ने पिछले साल इस अभियान में 17.48 करोड़ पौधे लगाकर दूसरा स्थान हासिल किया था।
  • बिहार के CM नीतीश कुमार: पटना में पौधरोपण कर इस अभियान का समर्थन किया।
  • उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ: अयोध्या में हरीशंकरी पौधा लगाया और सभी जिलों में पौधरोपण अभियान चलाया।
See also  उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ क्षेत्र को नया जिला घोषित किया

वैश्विक स्तर पर प्रभाव

‘Ek Ped Maa Ke Naam’ अब भारत की सीमाओं को पार कर रहा है।

  • मॉरीशस: PM मोदी ने मॉरीशस के PM नवीनचंद्र रामगूलम के साथ बॉटैनिकल गार्डन में एक बेल का पौधा लगाया।
  • स्लोवाकिया: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्लोवाकिया के राष्ट्रपति को इस पहल के बारे में बताया, जिन्होंने इसे अपने देश में लागू करने में रुचि दिखाई।

यह दर्शाता है कि यह अभियान न केवल पर्यावरण, बल्कि वैश्विक स्तर पर सांस्कृतिक और भावनात्मक जुड़ाव को भी बढ़ावा दे रहा है।

क्यों खास है यह पहल?

  1. भावनात्मक जुड़ाव: माँ के नाम पर पेड़ लगाना एक व्यक्तिगत और भावनात्मक अनुभव है। यह पर्यावरण संरक्षण को एक निजी जिम्मेदारी बनाता है।
  2. सामुदायिक भागीदारी: स्कूलों, कॉलेजों, NGOs, और स्थानीय समुदायों को शामिल कर यह एक जन आंदोलन बन गया है।
  3. जलवायु लक्ष्य: भारत के 2030 तक 2.5-3 अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड के अतिरिक्त कार्बन सिंक बनाने के लक्ष्य में योगदान।
  4. सतत विकास: वृक्षारोपण से मिट्टी की उर्वरता, जल संरक्षण, और जैव विविधता में सुधार होता है।

आप कैसे जुड़ सकते हैं?

‘Ek Ped Maa Ke Naam 2.0’ में हिस्सा लेना बेहद आसान है:

  1. पौधा लगाएं: अपनी माँ के नाम पर एक पौधा लगाएं, चाहे वह आपके घर, स्कूल, या सामुदायिक स्थान पर हो।
  2. जियो-टैग करें: मेरी LiFE पोर्टल पर अपने पौधे को जियो-टैग करें।
  3. सोशल मीडिया पर साझा करें: #EkPedMaaKeNaam हैशटैग के साथ अपनी तस्वीरें पोस्ट करें।
  4. दूसरों को प्रेरित करें: अपने दोस्तों और परिवार को इस अभियान में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें।

PM मोदी ने विशेष रूप से युवाओं से इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की है।

See also  BRICS Summit: भारत का ब्राजील में अहम निर्णय—क्या है असर?

‘Ek Ped Maa Ke Naam 2.0’ केवल एक पर्यावरणीय पहल नहीं है; यह एक सांस्कृतिक और भावनात्मक आंदोलन है। यह हमें याद दिलाता है कि माँ की तरह, प्रकृति भी हमारी देखभाल करती है, और हमें उसका सम्मान करना चाहिए। PM मोदी की यह पहल भारत को न केवल हरा-भरा बना रही है, बल्कि लोगों के दिलों को भी जोड़ रही है।

तो, इस विश्व पर्यावरण दिवस के बाद भी, आइए एक पेड़ लगाएं—अपनी माँ के नाम, प्रकृति के नाम, और भविष्य के नाम।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *