क्या पेरासिटामोल से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है? जानिए इसके प्रभाव और सावधानियाँ

क्या पेरासिटामोल से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है? जानिए इसके प्रभाव और सावधानियाँ

क्या आप अक्सर सिरदर्द या बुखार के लिए पेरासिटामोल लेते हैं? तो सावधान हो जाइए। नए शोध से पता चला है कि लंबे समय तक पेरासिटामोल लेने से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। यह दवा जो हम सुरक्षित मानते थे, वो उतनी सुरक्षित नहीं हो सकती। आइए जानें इस बारे में विस्तार से।

पेरासिटामोल क्या है?

पेरासिटामोल एक आम दर्द निवारक दवा है। इसे एसिटामिनोफेन या टाइलेनॉल के नाम से भी जाना जाता है। यह बुखार और दर्द को कम करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। अब तक इसे सबसे सुरक्षित दर्द निवारक माना जाता था।

नए शोध से क्या पता चला?

हाल के कुछ अध्ययनों से पता चला है कि पेरासिटामोल का लंबे समय तक उपयोग दिल की सेहत पर बुरा असर डाल सकता है। यह खतरा तब और बढ़ जाता है जब आप इसकी ज्यादा मात्रा लेते हैं।

दिल पर असर: एक अध्ययन में पाया गया कि पेरासिटामोल लेने वालों में दिल का दौरा पड़ने और स्ट्रोक का खतरा 20% तक बढ़ सकता है।

ब्लड प्रेशर में वृद्धि: एक छोटे अध्ययन में देखा गया कि दिन में चार बार पेरासिटामोल लेने से हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों का ब्लड प्रेशर और बढ़ सकता है।

घुलनशील गोलियों का खतरा: घुलनशील या फिज़ी पेरासिटामोल गोलियों में सोडियम होता है। इनके नियमित सेवन से दिल की बीमारी का खतरा और भी ज्यादा बढ़ सकता है।

किन लोगों को ज्यादा खतरा है?

हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को सबसे ज्यादा खतरा है। एक अध्ययन में पाया गया:

  • हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों में दिल की बीमारी का खतरा 4.6% से बढ़कर 5.6% हो गया।
  • सामान्य ब्लड प्रेशर वाले लोगों में भी यह खतरा 3.7% से बढ़कर 4.4% हो गया।
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पेरासिटामोल दिल को कैसे प्रभावित करता है?

वैज्ञानिकों ने चूहों पर किए गए एक अध्ययन में पाया कि पेरासिटामोल दिल के ऊतकों में प्रोटीन को बदल देता है। यह बदलाव कई महत्वपूर्ण रासायनिक प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकता है, जैसे:

  • ऊर्जा उत्पादन
  • एंटीऑक्सीडेंट का उपयोग
  • खराब प्रोटीन को तोड़ना

इन बदलावों से दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है।

क्या करें?

  1. कम मात्रा में लें: पेरासिटामोल को कम से कम मात्रा में और कम समय के लिए लें।
  2. डॉक्टर से सलाह लें: अगर आपको लंबे समय तक दर्द निवारक की जरूरत है, तो डॉक्टर से बात करें।
  3. घुलनशील गोलियों से बचें: जहां तक हो सके, सोडियम वाली घुलनशील गोलियों के बजाय साधारण गोलियां लें।
  4. अन्य विकल्प देखें: कभी-कभी दर्द के लिए दवा के अलावा अन्य उपाय भी काम कर सकते हैं, जैसे आराम या व्यायाम।

निष्कर्ष

पेरासिटामोल अभी भी एक उपयोगी दवा है, लेकिन इसका इस्तेमाल सोच-समझकर करना चाहिए। थोड़े समय के लिए इसका उपयोग करना आमतौर पर सुरक्षित है। लेकिन अगर आपको लंबे समय तक दर्द निवारक की जरूरत है, तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें। याद रखें, हर दवा का अपना फायदा और नुकसान होता है। अपनी सेहत के लिए सही संतुलन बनाना जरूरी है।

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