अमेजन प्राइम वीडियो की सबसे लोकप्रिय वेब सीरीज पंचायत का चौथा सीजन 24 जून 2025 को रिलीज हो चुका है। जीतेंद्र कुमार, नीना गुप्ता, रघुबीर यादव, चंदन रॉय, फैसल मलिक, सुनीता राजवार और सांविका जैसे कलाकारों से सजी इस सीरीज ने अपने पहले तीन सीजन में दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई थी। लेकिन क्या पंचायत सीजन 4 पहले की तरह जादू बिखेर पाया? इस बार फुलेरा गांव में क्या नया है? आइए जानते हैं पंचायत 4 की चार ऐसी खास बातें जो पिछले तीन सीजन से अलग हैं और इस सीजन का रिव्यू।
पंचायत सीजन 4 का रिव्यू: क्या है कहानी?
पंचayat Season 4 की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां सीजन 3 खत्म हुआ था। फुलेरा गांव में पंचायत चुनाव का माहौल गर्म है। मंजू देवी (नीना गुप्ता) और क्रांति देवी (सुनीता राजवार) के बीच प्रधानी की कुर्सी के लिए जोरदार टक्कर देखने को मिलती है। दूसरी ओर, सचिव जी यानी अभिषेक त्रिपाठी (जीतेंद्र कुमार) अपनी CAT परीक्षा के रिजल्ट और बनराकस (दुर्गेश कुमार) के साथ हुए विवाद की वजह से उलझन में हैं। रिंकी (सांविका) के साथ उनकी प्रेम कहानी भी नए मोड़ लेती है। इस सीजन में राजनीति, भावनाएं और हल्की-फुल्की कॉमेडी का मिश्रण है, लेकिन कुछ कमियां भी दर्शकों को खल रही हैं।
सोशल मीडिया और समीक्षकों से मिले-जुले रिव्यू मिले हैं। IMDb पर सीरीज को 9.0/10 की रेटिंग मिली है, लेकिन कई दर्शकों ने इसे पिछले सीजन की तुलना में कम मजेदार बताया है। कुछ का कहना है कि कहानी धीमी है और कॉमेडी की कमी खलती है। फिर भी, फुलेरा की सादगी और किरदारों की शानदार एक्टिंग दर्शकों को बांधे रखती है।
पंचायत सीजन 4 में 4 नई और अनोखी बातें
- चुनावी राजनीति का जोरदार तड़का
इस बार पंचायत 4 में पंचायत चुनाव कहानी का मुख्य केंद्र है। मंजू देवी और क्रांति देवी के बीच प्रधानी की जंग में गहरी राजनीति, चालबाजियां और मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्त लौकी-अलू बांटने जैसे दांव देखने को मिलते हैं। यह राजनीतिक ड्रामा पहले के सीजन में इतना प्रमुख नहीं था। क्रांति देवी का किरदार (सुनीता राजवार) अपनी चालाकियों के साथ दर्शकों का ध्यान खींचता है। - सचिव जी और रिंकी की प्रेम कहानी में नया मोड़
अभिषेक और रिंकी की लव स्टोरी इस सीजन में आगे बढ़ती है। दोनों अपने दिल की बात कह देते हैं, और रिंकी को अभिषेक के CAT रिजल्ट (97% अंक) की खुशी में उछलते देखा जाता है। हालांकि, अभिषेक के IIM में दाखिले की संभावना रिंकी को यह डर भी देती है कि वह फुलेरा छोड़ सकता है। यह रोमांटिक एंगल पहले के सीजन में इतना गहरा नहीं था। - सचिव जी का CAT रिजल्ट और करियर की उलझन
अभिषेक त्रिपाठी ने इस बार CAT परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया है, जिसके बाद उनके सामने फुलेरा में रहने या IIM में पढ़ाई करने का बड़ा सवाल है। यह करियर और निजी जिंदगी का द्वंद्व इस सीजन की नई विशेषता है। बनराकस के साथ विवाद और उसका कानूनी पचड़ा भी उनकी मुश्किलें बढ़ाता है।web:7�post:6 - नए किरदारों की एंट्री और इमोशनल टच
इस सीजन में दो नए किरदारों की एंट्री हुई है, जो कहानी में नया तड़का लाते हैं। साथ ही, प्रहलाद (फैसल मलिक) का किरदार इमोशनल गहराई लाता है, खासकर उनके बेटे की मौत के बाद की कहानी को लेकर। बिनोद का किरदार भी मार्मिक क्षण जोड़ता है, जो पहले के सीजन में इतना प्रभावशाली नहीं था।
क्या जीतू भईया करेंगे राजनीति?
जीतेंद्र कुमार का किरदार अभिषेक त्रिपाठी इस बार भी राजनीति में पूरी तरह नहीं उलझता, लेकिन वह मंजू देवी और क्रांति देवी के बीच चल रहे चुनावी दंगल का हिस्सा बन जाता है। बनराकस पर थप्पड़ मारने का मामला और उसका कानूनी पचड़ा उसे अनचाहे ही राजनीति के करीब लाता है। हालांकि, उसका फोकस अपनी नौकरी और CAT रिजल्ट पर ज्यादा रहता है। प्रशंसकों को उम्मीद थी कि जीतू भईया इस बार राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाएंगे, लेकिन कहानी उनके निजी और पेशेवर जीवन पर ज्यादा केंद्रित है।
क्या हैं कमियां?
- कम कॉमेडी: कई दर्शकों का मानना है कि इस सीजन में पंचायत की ट्रेडमार्क हल्की-फुल्की कॉमेडी की कमी है। राजनीति पर ज्यादा फोकस होने से ग्रामीण जीवन की मासूमियत कहीं पीछे छूट गई है।
- धीमी गति: कुछ एपिसोड्स में कहानी धीमी लगती है, और कुछ सीन अनावश्यक या खींचे हुए महसूस होते हैं।
- निराशाजनक अंत: सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने अंत को निराशाजनक बताया, क्योंकि यह अगले सीजन के लिए खुला छोड़ गया।
क्यों देखें पंचायत सीजन 4?
- शानदार अभिनय: जीतेंद्र कुमार, नीना गुप्ता, रघुबीर यादव और सुनीता राजवार की एक्टिंग इस सीजन की जान है। प्रत्येक किरदार अपने रोल में पूरी तरह ढला हुआ नजर आता है।
- ग्रामीण माहौल: फुलेरा गांव की सादगी और देसी अंदाज दर्शकों को फिर से बांध लेता है।
- इमोशनल कनेक्शन: प्रहलाद और बिनोद जैसे किरदारों की कहानी दिल को छूती है।
कहां और कब देखें?
पंचायत सीजन 4 अमेजन प्राइम वीडियो पर 24 जून 2025 से स्ट्रीम हो रहा है। इसमें 8 एपिसोड हैं, जिनकी अवधि 35-50 मिनट है। यह हिंदी भाषा में उपलब्ध है।
निष्कर्ष
पंचायत सीजन 4 अपने पिछले सीजन की तरह उतना ताजा तो नहीं लगता, लेकिन फुलेरा की दुनिया, किरदारों की सादगी और शानदार अभिनय इसे देखने लायक बनाते हैं। अगर आप ग्रामीण कहानियों और हल्के-फुल्के ड्रामे के शौकीन हैं, तो यह सीजन आपके लिए है। हालांकि, अगर आप पहले की तरह हंसी-मजाक की उम्मीद कर रहे हैं, तो शायद यह सीजन थोड़ा कमजोर लगे।
क्या आप पंचायत 4 देखने जा रहे हैं? अपनी राय हमें कमेंट में जरूर बताएं!