भारत के सबसे पुराने स्कूल की अनसुनी कहानी! 300 साल से चल रहा है ये स्कूल

The unheard story of India's oldest school

भारत में शिक्षा का इतिहास काफी समृद्ध और पुराना है। देश के कई हिस्सों में सदियों पुराने स्कूल मौजूद हैं जो आज भी शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं। ऐसे ही एक ऐतिहासिक स्कूल का नाम है सेंट जॉर्ज एंग्लो इंडियन हायर सेकेंडरी स्कूल जो भारत का सबसे पुराना प्राइवेट स्कूल माना जाता है। आइए जानते हैं इस स्कूल के बारे में विस्तार से।

सेंट जॉर्ज स्कूल की स्थापना

सेंट जॉर्ज एंग्लो इंडियन हायर सेकेंडरी स्कूल की स्थापना साल 1715 में मिलिट्री मेल ऑर्फन एसाइलम के रूप में हुई थी। यह दुनिया के सबसे पुराने स्कूलों में से एक और भारत का सबसे पुराना स्कूल है। शुरुआत में यह ब्रिटिश सैनिकों के अनाथ बच्चों के लिए एक चैरिटी स्कूल के रूप में खोला गया था। उस समय इसमें 18 लड़के और 12 लड़कियां पढ़ती थीं।

स्कूल का विकास

  • सेंट जॉर्ज स्कूल की शुरुआत सेंट मैरी चर्च चैरिटी स्कूल के रूप में हुई जिसकी स्थापना रेव. विलियम स्टीवेंसन ने की थी।
  • 1751 में स्कूल को फोर्ट के बाहर एक किराए की इमारत में शिफ्ट किया गया।
  • 1780 में स्कूल फिर से अपनी पुरानी बिल्डिंग में वापस आ गया।
  • 1872 में मेल और फीमेल ऑर्फन एसाइलम के साथ इसका विलय हो गया और इसका नाम सिविल ऑर्फन एसाइलम रखा गया।
  • 1904 में स्कूल अपने वर्तमान 21 एकड़ के कैंपस में शिफ्ट हुआ जो चेन्नई के शेनॉय नगर में स्थित है।
  • 1954 में इसका नाम बदलकर सेंट जॉर्ज स्कूल एंड ऑर्फनेज कर दिया गया।

स्कूल का वर्तमान स्वरूप

  • आज सेंट जॉर्ज स्कूल नर्सरी से लेकर 12वीं तक की शिक्षा प्रदान करता है। यहां 1500 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं।
  • स्कूल में बोर्डिंग हाउस, छात्रावास, रसोई और खेल के मैदान हैं।
  • यहां एक लाइब्रेरी, NCC और कंप्यूटर सेंटर भी मौजूद है।
  • स्कूल में 36 स्टाफ मेंबर्स हैं जिनका नेतृत्व हेडमास्टर और कॉरेस्पोंडेंट करते हैं।
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स्कूल की खास बातें

  • सेंट जॉर्ज स्कूल चेन्नई के सबसे अच्छे स्कूल हॉकी टीमों में से एक है। इस स्कूल ने कई ऐसे खिलाड़ी दिए हैं जिन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व किया है।
  • स्कूल की लाइब्रेरी में 18वीं सदी से लेकर आज तक की दुर्लभ किताबें मौजूद हैं।
  • स्कूल का चैपल और क्लासरूम ब्लॉक शहर की 400 मान्यता प्राप्त धरोहर संरचनाओं का हिस्सा हैं।
  • स्कूल के कैंपस में 130 साल पुराना सेंट मैरी चैपल भी है जो अपनी खूबसूरत वास्तुकला के लिए जाना जाता है।
  • स्कूल में 30 बोर्डर्स हैं जो सभी एंग्लो इंडियन हैं। इनमें कुछ अनाथ हैं तो कुछ सिंगल पैरेंट फैमिली से आते हैं।

विवाद

  • 2009 में स्कूल में एक यूके वॉलंटियर द्वारा छात्रों के साथ दुर्व्यवहार की खबरें आईं। हालांकि जांच में सबूत गायब हो गए।
  • 2012 में फीस बढ़ोतरी को लेकर अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन किया जिसमें 10 अभिभावकों को गिरफ्तार किया गया। हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।
  • स्कूल परिसर का दुरुपयोग सार्वजनिक और निजी कार्यक्रमों के लिए करने के भी आरोप लगे हैं।

टर्सेंटनरी सेलिब्रेशन

  • 2015 में सेंट जॉर्ज स्कूल ने अपनी 300वीं वर्षगांठ मनाई। इस दौरान पुराने और नए छात्रों के बीच खेल गतिविधियां, एक कार्निवल और क्रिसमस डांस का आयोजन किया गया।
  • इस अवसर पर “सेकेंड कमिंग” नाम के बैंड (स्कूल के पूर्व छात्र) ने भी परफॉर्मेंस दी।
  • इस जश्न ने कई पुराने छात्रों को फिर से कैंपस में वापस लाया। खेल गतिविधियों में पुरुषों के लिए हॉकी, फुटबॉल, क्रिकेट और महिलाओं के लिए थ्रो बॉल शामिल थे।
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निष्कर्ष

सेंट जॉर्ज एंग्लो इंडियन हायर सेकेंडरी स्कूल भारत का सबसे पुराना प्राइवेट स्कूल होने के साथ-साथ एक ऐतिहासिक विरासत भी है। 300 साल से भी अधिक समय से यह स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहा है। आज के आधुनिक दौर में भी यह अपनी 19वीं सदी की छवि को बरकरार रखते हुए 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना कर रहा है। यह स्कूल समय की कसौटी पर खरा उतरा है और आने वाले समय में भी शिक्षा के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाए रखेगा।

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