सड़क हादसों को कम करने और दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने घोषणा की है कि 1 जनवरी 2026 से देश में बिकने वाले सभी नए टू-व्हीलर वाहनों, चाहे वह मोटरसाइकिल हो या स्कूटर, में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) अनिवार्य होगा। यह नियम सभी इंजन क्षमता वाले दोपहिया वाहनों पर लागू होगा, जिससे छोटे इंजन वाली बाइकों के लिए भी सुरक्षा मानकों को बढ़ाया जा सके।
ABS क्या है और यह कैसे काम करता है?
एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) एक उन्नत सुरक्षा तकनीक है जो आपातकालीन ब्रेकिंग के दौरान वाहन के पहियों को लॉक होने से रोकती है। जब चालक अचानक ब्रेक लगाता है, तो ABS सेंसर के माध्यम से पहियों की गति को मॉनिटर करता है और ब्रेक दबाव को बार-बार समायोजित करता है। इससे वाहन का संतुलन बना रहता है और फिसलने या स्किडिंग का खतरा कम हो जाता है, खासकर गीली, असमान या फिसलन वाली सड़कों पर।
अध्ययनों के अनुसार, ABS सड़क दुर्घटनाओं के जोखिम को 35-45% तक कम कर सकता है। यह तकनीक चालक को बेहतर नियंत्रण प्रदान करती है, जिससे टू-व्हीलर की सुरक्षा में उल्लेखनीय सुधार होता है।
नए नियम का महत्व
वर्तमान में, भारत में केवल 125cc से अधिक इंजन क्षमता वाली बाइकों में ABS अनिवार्य है। इसका मतलब है कि देश में बिकने वाले लगभग 45% टू-व्हीलर, खासकर छोटे इंजन वाली कम्यूटर बाइक, इस महत्वपूर्ण सुरक्षा फीचर से वंचित हैं। भारत में छोटे इंजन वाली बाइक और स्कूटर सबसे ज्यादा बिकते हैं, और ये वाहन आमतौर पर ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में उपयोग किए जाते हैं। नए नियम के लागू होने से लाखों चालकों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी।
परिवहन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “छोटे इंजन वाली बाइक भी 70 किमी/घंटा से अधिक की गति तक पहुंच सकती हैं। ऐसे में स्किडिंग और हादसों को रोकने के लिए ABS जैसे उन्नत ब्रेकिंग सिस्टम का होना जरूरी है।”
दो BIS-सर्टिफाइड हेलमेट भी होंगे अनिवार्य
ABS के साथ-साथ, सरकार एक और महत्वपूर्ण नियम लागू करने की तैयारी में है। 2026 से सभी नए टू-व्हीलर की बिक्री के समय निर्माताओं और डीलरों को दो भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) प्रमाणित हेलमेट प्रदान करना अनिवार्य होगा। यह कदम सड़क दुर्घटनाओं में सिर की चोटों को कम करने के लिए उठाया गया है, जो दोपहिया वाहन हादसों में मृत्यु का एक प्रमुख कारण हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दोपहिया वाहन दुर्घटनाओं में लगभग 44% मौतें ब्रेकिंग से संबंधित स्किडिंग और सिर में चोट के कारण होती हैं।
क्या होगा प्रभाव?
नए नियमों के लागू होने से टू-व्हीलर की कीमतों में मामूली वृद्धि हो सकती है, खासकर entry-level मॉडल्स में, क्योंकि ABS सिस्टम और दो BIS-सर्टिफाइड हेलमेट की लागत को शामिल किया जाएगा। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह लागत सड़क सुरक्षा में होने वाले सुधार की तुलना में नगण्य है।
इसके अलावा, इस कदम से ऑटोमोटिव कंपनियों, जैसे हीरो मोटोकॉर्प, टीवीएस मोटर, और बजाज ऑटो, को अपने उत्पादन और डिजाइन प्रक्रिया में बदलाव करना पड़ सकता है। कुछ कंपनियों के शेयरों में इस खबर के बाद मामूली गिरावट देखी गई है, क्योंकि निवेशक लागत वृद्धि के प्रभाव का आकलन कर रहे हैं।
कब लागू होगा यह नियम?
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय जल्द ही इस संबंध में एक आधिकारिक अधिसूचना जारी करने वाला है। यह नियम केवल 1 जनवरी 2026 से निर्मित होने वाले नए टू-व्हीलर पर लागू होगा। मौजूदा वाहनों को इस नियम के तहत अपग्रेड करने की आवश्यकता नहीं होगी।
निष्कर्ष
भारत सरकार का यह नया नियम सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ABS और BIS-सर्टिफाइड हेलमेट जैसे सुरक्षा उपायों के साथ, सरकार का लक्ष्य सड़क हादसों और उनसे होने वाली मौतों को कम करना है। यह कदम न केवल दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि भारत को सड़क सुरक्षा के मामले में वैश्विक मानकों के करीब लाएगा।