ईरान के राष्ट्रपतियों की सूची: 1980 से 2025 तक का ऐतिहासिक अवलोकन

ईरान की इस्लामिक गणराज्य की स्थापना 1979 की क्रांति के बाद हुई, जिसके बाद 1980 में राष्ट्रपति पद की शुरुआत हुई। यह पद देश का सर्वोच्च जन-निर्वाचित पद है, हालांकि सर्वोच्च नेता (सुप्रीम लीडर) के पास अंतिम अधिकार रहता है। यह लेख 1980 से 2025 तक ईरान के राष्ट्रपतियों की सूची और उनके कार्यकाल की मुख्य विशेषताओं को सरल और स्पष्ट तरीके से प्रस्तुत करता है।

ईरान के राष्ट्रपतियों की सूची (1980-2025)

  1. अबुलहसन बनिसद्र (25 जनवरी 1980 – 22 जून 1981)
    अबुलहसन बनिसद्र ईरान के पहले राष्ट्रपति थे। 1979 की इस्लामिक क्रांति में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी, और उन्होंने 76% वोटों के साथ 1980 का पहला राष्ट्रपति चुनाव जीता। हालांकि, संसद के साथ उनके मतभेद और इस्लामिक क्लेरिकल शक्ति को कम करने की कोशिशों के कारण 1981 में उनकी महाभियोग की गई। इसके बाद वे फ्रांस चले गए।
  2. मोहम्मद-अली रजाई (2 अगस्त 1981 – 30 अगस्त 1981)
    बनिसद्र के बाद मोहम्मद-अली रजाई 24 जुलाई 1981 को राष्ट्रपति चुने गए। उनका कार्यकाल बेहद छोटा रहा क्योंकि 30 अगस्त 1981 को एक बम हमले में उनकी और उनके प्रधानमंत्री की हत्या कर दी गई।
  3. अली खामेनेई (13 अक्टूबर 1981 – 3 अगस्त 1989)
    अली खामेनेई ने दो कार्यकाल (1981-1989) तक राष्ट्रपति के रूप में सेवा की। उनके कार्यकाल में ईरान-इराक युद्ध (1980-1988) और इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) का सशक्तिकरण प्रमुख रहा। 1989 में वे ईरान के सर्वोच्च नेता बने, जो आज भी इस पद पर हैं।
  4. अकबर हाशमी रफसंजानी (3 अगस्त 1989 – 3 अगस्त 1997)
    रफसंजानी ने 1989 में प्रधानमंत्री पद के समाप्त होने के बाद राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला। उनके कार्यकाल में युद्ध के बाद ईरान का पुनर्निर्माण, निजीकरण और विदेशी संबंधों में उदार नीतियां अपनाई गईं। उनकी नीतियां मध्यम वर्ग और उच्च वर्ग में लोकप्रिय थीं।
  5. मोहम्मद खातमी (3 अगस्त 1997 – 3 अगस्त 2005)
    सुधारवादी नेता मोहम्मद खातमी ने सामाजिक स्वतंत्रता और पश्चिमी देशों, विशेष रूप से अमेरिका, के साथ बेहतर संबंधों की वकालत की। उनके कार्यकाल में सांस्कृतिक और सामाजिक सुधारों पर जोर दिया गया, लेकिन रूढ़िवादी ताकतों ने उनकी कई नीतियों का विरोध किया।
  6. महमूद अहमदीनेजाद (3 अगस्त 2005 – 3 अगस्त 2013)
    महमूद अहमदीनेजाद ने अपने पॉपुलिस्ट और रूढ़िवादी दृष्टिकोण के साथ दो कार्यकाल पूरे किए। उनके शासन में नैतिकता पुलिस (मोरैलिटी पुलिस) की स्थापना और विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम को बढ़ावा दिया गया। उनकी नीतियों ने ईरान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर दिया।
  7. हसन रूहानी (3 अगस्त 2013 – 3 अगस्त 2021)
    मध्यमार्गी नेता हसन रूहानी ने 2015 में ज्वाइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (JCPOA) के तहत परमाणु समझौता किया, जिसे बाद में 2018 में अमेरिका ने रद्द कर दिया। उनके कार्यकाल में आर्थिक और सामाजिक सुधारों पर ध्यान दिया गया, लेकिन कट्टरपंथी ताकतों ने उनकी नीतियों को सीमित किया।
  8. इब्राहिम रईसी (3 अगस्त 2021 – 19 मई 2024)
    रूढ़िवादी नेता इब्राहिम रईसी ने 2021 में राष्ट्रपति पद संभाला। उनके कार्यकाल में धार्मिक और रूढ़िवादी नीतियों को बढ़ावा दिया गया। 19 मई 2024 को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई, जिसके बाद उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला।
  9. मोहम्मद मोखबर (कार्यवाहक) (19 मई 2024 – 28 जुलाई 2024)
    रईसी की मृत्यु के बाद मोहम्मद मोखबर ने 50 दिनों तक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में सेवा की। इस दौरान नए चुनाव की व्यवस्था की गई।
  10. मसूद पेज़ेशकियन (28 जुलाई 2024 – वर्तमान)
    मसूद पेज़ेशकियन, एक सुधारवादी नेता, ने 6 जुलाई 2024 को राष्ट्रपति चुनाव जीता और 28 जुलाई 2024 को पदभार ग्रहण किया। वे पश्चिमी प्रतिबंधों को समाप्त करने और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहे हैं।
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ईरान के राष्ट्रपति की भूमिका

ईरान का राष्ट्रपति सरकार का प्रमुख होता है, जो दैनिक प्रशासन, आर्थिक नीतियों और विदेशी संबंधों को संभालता है। हालांकि, सर्वोच्च नेता के पास अंतिम निर्णय लेने का अधिकार होता है, और राष्ट्रपति को गार्जियन काउंसिल द्वारा अनुमोदित होना पड़ता है। 1989 में प्रधानमंत्री पद समाप्त होने के बाद राष्ट्रपति की जिम्मेदारियां बढ़ गईं।

निष्कर्ष

1980 से 2025 तक, ईरान के राष्ट्रपतियों ने देश की राजनीति, अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय छवि को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुधारवादी और रूढ़िवादी नेताओं के बीच वैचारिक बदलाव ने ईरान की दिशा को प्रभावित किया। वर्तमान राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन के नेतृत्व में, ईरान नई चुनौतियों और अवसरों का सामना कर रहा है।

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