सेक्शुअली एक्टिव हैं? इन STI टेस्ट्स को करवाना न भूलें, लापरवाही पड़ सकती है भारी

सेक्शुअली एक्टिव हैं? इन STI टेस्ट्स को करवाना न भूलें, लापरवाही पड़ सकती है भारी

सेक्शुअली एक्टिव होना आज के समय में सामान्य है, लेकिन इसके साथ अपनी सेक्सुअल हेल्थ का ख्याल रखना भी उतना ही जरूरी है। यौन संचारित संक्रमण (Sexually Transmitted Infections – STI) बिना किसी स्पष्ट लक्षण के भी आपके स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। समय पर STI टेस्ट करवाना न केवल आपकी सेहत के लिए जरूरी है, बल्कि यह आपके पार्टनर की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कौन से STI टेस्ट जरूरी हैं, उनकी प्रक्रिया क्या है, और इन्हें क्यों करवाना चाहिए।

STI क्या हैं और इनका खतरा क्यों?

STI वे संक्रमण हैं जो यौन संपर्क (योनि, गुदा, या मौखिक सेक्स) के दौरान या रक्त, वीर्य, योनि स्राव जैसे शारीरिक तरल पदार्थों के माध्यम से फैलते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल लाखों लोग STI से प्रभावित होते हैं। HIV, सिफिलिस, और हेपेटाइटिस जैसे कुछ STI, अगर इलाज न हो, तो जानलेवा हो सकते हैं। कई बार इनके लक्षण नहीं दिखते, जिससे लोग अनजाने में दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं।

महिलाओं में अनुपचारित STI से बांझपन, सर्वाइकल कैंसर, या गर्भावस्था में जटिलताएं हो सकती हैं। पुरुषों में भी यह प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसलिए, नियमित STI टेस्टिंग जरूरी है।

कौन से STI टेस्ट करवाने चाहिए?

यौन सक्रिय लोगों को निम्नलिखित टेस्ट्स नियमित रूप से करवाने चाहिए:

  1. HIV टेस्ट:
    HIV एक वायरस है जो इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है और AIDS का कारण बन सकता है। यह ब्लड टेस्ट से पता लगाया जाता है। सभी यौन सक्रिय लोगों, खासकर 13-64 आयु वर्ग के, को साल में एक बार यह टेस्ट करवाना चाहिए। गर्भवती महिलाओं और एक से अधिक पार्टनर वाले लोगों के लिए यह अनिवार्य है।
  2. सिफिलिस टेस्ट:
    सिफिलिस एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो अनुपचारित रहने पर हृदय, मस्तिष्क, और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाता है। ब्लड टेस्ट से इसकी जांच होती है। गर्भवती महिलाओं को यह टेस्ट प्रेग्नेंसी के शुरुआती चरण में करवाना चाहिए।
  3. गोनोरिया और क्लेमाइडिया टेस्ट:
    ये दोनों बैक्टीरियल STI हैं, जिनकी जांच यूरिन टेस्ट या स्वैब टेस्ट (योनि, गुदा, या गले से सैंपल) से होती है। इनका इलाज न होने पर बांझपन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 25 साल से कम उम्र की यौन सक्रिय महिलाओं और एक से अधिक पार्टनर वाले लोगों को यह टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।
  4. हेपेटाइटिस B और C टेस्ट:
    हेपेटाइटिस वायरस लिवर को नुकसान पहुंचाता है। इसकी जांच ब्लड टेस्ट से होती है। उच्च जोखिम वाले लोग, जैसे एक से अधिक पार्टनर वाले या गर्भवती महिलाएं, इसे जरूर करवाएं।
  5. HPV टेस्ट:
    ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) सर्वाइकल कैंसर का प्रमुख कारण है। 21 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को पैप स्मीयर या HPV टेस्ट नियमित रूप से करवाना चाहिए।
  6. हर्पीज टेस्ट:
    हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस (HSV) की जांच ब्लड टेस्ट या स्वैब टेस्ट से होती है। जननांगों में घाव या रैशेज होने पर यह टेस्ट जरूरी है।
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STI टेस्ट की प्रक्रिया

STI टेस्टिंग आसान, गोपनीय, और दर्दरहित होती है। डॉक्टर आपकी सेक्सुअल हिस्ट्री के आधार पर टेस्ट की सलाह देते हैं। टेस्ट में शामिल हो सकते हैं:

  • ब्लड टेस्ट: HIV, सिफिलिस, और हेपेटाइटिस के लिए।
  • यूरिन टेस्ट: गोनोरिया और क्लेमाइडिया की जांच।
  • स्वैब टेस्ट: जननांग, गला, या गुदा से सैंपल।
  • फिजिकल जांच: जननांगों में घाव या रैशेज का निरीक्षण।

कई लैब्स, जैसे मेट्रोपोलिस और रेडक्लिफ, होम सैंपल कलेक्शन की सुविधा देती हैं, जिससे टेस्टिंग और सुविधाजनक हो जाती है।

STI टेस्ट कब करवाएं?

  • नियमित जांच: यौन सक्रिय लोग, खासकर एक से अधिक पार्टनर वाले, साल में एक बार टेस्ट करवाएं।
  • लक्षण दिखने पर: जननांगों में खुजली, जलन, घाव, या असामान्य स्राव होने पर तुरंत जांच करवाएं।
  • नया पार्टनर: नए यौन संबंध शुरू करने से पहले दोनों पार्टनर्स को टेस्ट करवाना चाहिए।
  • गर्भावस्था: गर्भवती महिलाओं को HIV, सिफिलिस, और हेपेटाइटिस की जांच प्रारंभिक चरण में करवानी चाहिए।

STI से बचाव के तरीके

  • कंडोम का उपयोग: कंडोम STI के जोखिम को कम करता है।
  • सीमित पार्टनर्स: एक से अधिक यौन पार्टनर्स से बचें।
  • टीकाकरण: HPV और हेपेटाइटिस B के टीके लगवाएं।
  • खुली बातचीत: पार्टनर के साथ सेक्सुअल हेल्थ पर चर्चा करें।

STI टेस्टिंग की भ्रांतियां

भारत में STI टेस्ट को लेकर शर्मिंदगी या डर आम है। लेकिन यह टेस्ट उतना ही सामान्य है जितना ब्लड शुगर या थायरॉइड टेस्ट। अपनी सेहत को प्राथमिकता देना जिम्मेदारी का प्रतीक है। टेस्टिंग से न केवल आप स्वस्थ रहते हैं, बल्कि अपने पार्टनर को भी सुरक्षित रखते हैं।

निष्कर्ष

यौन सक्रिय लोगों के लिए STI टेस्टिंग एक जरूरी कदम है। HIV, सिफिलिस, गोनोरिया, क्लेमाइडिया, और HPV जैसे टेस्ट्स समय पर करवाकर आप गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों से बच सकते हैं। अपनी और अपने पार्टनर की सेहत के लिए नियमित जांच को अपनाएं। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें या मेट्रोपोलिस, रेडक्लिफ जैसी विश्वसनीय लैब्स में टेस्ट बुक करें।

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