12 जून 2025 को गुजरात के अहमदाबाद में एक दुखद हादसे ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर थी, सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद क्रैश हो गई। इस हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की जान चली गई। यह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर का 15 साल के इतिहास में पहला घातक हादसा है। आइए, इस विमान के इंजन की ताकत और इसका इस्तेमाल करने वाली एयरलाइंस के बारे में विस्तार से जानते हैं।
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर: एक आधुनिक विमान
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर एक मिड-साइज, ट्विन-इंजन, वाइड-बॉडी जेट विमान है, जिसे लंबी दूरी की उड़ानों के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे 2004 में लॉन्च किया गया था और 2011 में ऑल निप्पॉन एयरवेज (ANA) के साथ इसकी पहली कमर्शियल उड़ान शुरू हुई। यह विमान अपनी ईंधन दक्षता और उन्नत तकनीक के लिए जाना जाता है। यह पुराने बोइंग 767 की तुलना में 20-25% कम ईंधन खर्च करता है, जिससे एयरलाइंस की लागत कम होती है और टिकट की कीमतें भी सस्ती हो सकती हैं।
इसके हल्के कार्बन फाइबर कंपोजिट मटेरियल से बने ढांचे के कारण वजन कम है, और यह 13,600 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है। विमान में 210 से 250 सीटें होती हैं, जो एयरलाइंस के कॉन्फिगरेशन पर निर्भर करता है। इसमें बड़ी खिड़कियां, बेहतर केबिन प्रेशर, और कम शोर जैसी सुविधाएं यात्रियों को लंबी उड़ानों में आराम देती हैं।
इंजन की ताकत: रोल्स-रॉयस और जनरल इलेक्ट्रिक
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर में दो हाई-बाईपास टर्बोफैन इंजन लगे होते हैं, जो इसे तेज और ताकतवर बनाते हैं। ये इंजन दो प्रकार के हो सकते हैं:
- रोल्स-रॉयस ट्रेंट 1000: यह इंजन 53,000 से 75,000 पाउंड तक थ्रस्ट प्रदान करता है। यह 60% कम शोर करता है, जिससे पर्यावरण और यात्रियों के लिए बेहतर अनुभव मिलता है।
- जनरल इलेक्ट्रिक GEnx-1B: यह इंजन भी समान थ्रस्ट प्रदान करता है और ईंधन दक्षता में उत्कृष्ट है। यह विमान को लंबी दूरी की उड़ानों के लिए आदर्श बनाता है।
विमान की ईंधन क्षमता 126,206 लीटर है, जो इसे लंबी दूरी की उड़ानों, जैसे दिल्ली-न्यूयॉर्क या मुंबई-लंदन, के लिए उपयुक्त बनाती है। इसके पंखों की टिप्स ऊपर की ओर मुड़ी होती हैं, जो टर्बुलेंस और हवा के प्रतिरोध को कम करती हैं।
इस्तेमाल करने वाली प्रमुख एयरलाइंस
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर दुनिया भर की लगभग 70 एयरलाइंस द्वारा उपयोग किया जाता है। इसके तीन वेरिएंट (787-8, 787-9, और 787-10) विभिन्न रूट्स पर उड़ान भरते हैं। भारत में, यह विमान मुख्य रूप से एयर इंडिया द्वारा संचालित किया जाता है। कुछ प्रमुख एयरलाइंस जो इस विमान का उपयोग करती हैं, निम्नलिखित हैं:
- एयर इंडिया: 2012 में साउथ कैरोलिना से पहला 787-8 ड्रीमलाइनर खरीदा। वर्तमान में इसके बेड़े में 27 बोइंग 787-8 और 7 बोइंग 787-9 विमान हैं, जो लंदन, सिंगापुर, दुबई, टोक्यो, और सिडनी जैसे रूट्स पर उड़ान भरते हैं।
- ऑल निप्पॉन एयरवेज (ANA): 2011 में पहला कमर्शियल ड्रीमलाइनर संचालित करने वाली एयरलाइन।
- यूनाइटेड एयरलाइंस: लंबी दूरी की उड़ानों के लिए उपयोग।
- कतर एयरवेज: प्रीमियम सेवाओं के साथ इस विमान का उपयोग।
- अमेरिकन एयरलाइंस, एयर कनाडा, ब्रिटिश एयरवेज, और एयर यूरोपा: ये सभी वैश्विक रूट्स पर ड्रीमलाइनर का उपयोग करती हैं।
पहला घातक हादसा और सुरक्षा पर सवाल
हालांकि बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर को दुनिया के सबसे सुरक्षित विमानों में से एक माना जाता था, लेकिन अहमदाबाद हादसे ने इसकी सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। प्रारंभिक जांच में इंजन फेल होने और लैंडिंग गियर की समस्या की बात सामने आई है। इससे पहले, 2013 में लिथियम-आयन बैटरी में आग और रिसाव की समस्याओं के कारण इस विमान को दुनिया भर में अस्थायी रूप से ग्राउंड किया गया था। इसके अलावा, हाइड्रोलिक लीक, फ्लैप समस्याएं, और सॉफ्टवेयर बग्स जैसी तकनीकी खामियां भी समय-समय पर सामने आई हैं।
विवादों का इतिहास
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर अपने लॉन्च के बाद से कई विवादों में रहा है। 2013 में जापान एयरलाइंस और ANA के विमानों में बैटरी की समस्याएं सामने आई थीं, जिसके बाद अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने इसकी उड़ानों पर रोक लगा दी थी। 2024 में बोइंग के व्हिसलब्लोअर्स ने मैन्युफैक्चरिंग में लापरवाही और सुरक्षा से समझौता करने के आरोप लगाए। हाल ही में, इतालवी अधिकारियों ने ड्रीमलाइनर के निर्माण में घटिया टाइटेनियम और एल्युमीनियम के उपयोग की जांच शुरू की है।
आगे की राह
अहमदाबाद हादसे के बाद भारत सरकार ने सभी बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ान पर अस्थायी रोक लगा दी है। जांचकर्ता ब्लैक बॉक्स और डीवीआर की मदद से हादसे के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। यह हादसा न केवल बोइंग की प्रतिष्ठा के लिए झटका है, बल्कि एविएशन इंडस्ट्री में सुरक्षा मानकों पर भी सवाल उठाता है।
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर अपनी उन्नत तकनीक और ईंधन दक्षता के लिए जाना जाता है, लेकिन इस हादसे ने इसके डिज़ाइन और रखरखाव पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यात्रियों का भरोसा बनाए रखने के लिए बोइंग और एयरलाइंस को अब और सख्त कदम उठाने होंगे।