12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन गैटविक जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद मेघनीनगर क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस विमान में 242 लोग सवार थे, जिनमें 232 यात्री और 10 क्रू मेंबर शामिल थे। विमान ने टेकऑफ के बाद 1:39 बजे मेडे कॉल (MAYDAY call) जारी किया, लेकिन इसके बाद यह हवाई यातायात नियंत्रण (ATC) के संपर्क से बाहर हो गया और 625 फीट की ऊंचाई पर दुर्घटनाग्रस्त होकर आग का गोला बन गया। इस भीषण हादसे में 204 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, और एक यात्री, रमेश विश्वकर्मा, चमत्कारिक रूप से बच गया।
हादसे की जांच अब एक महत्वपूर्ण उपकरण पर टिकी है: ब्लैक बॉक्स। आइए जानते हैं कि ब्लैक बॉक्स क्या है, यह कैसे काम करता है, और यह अहमदाबाद विमान हादसे के कारणों को उजागर करने में कैसे मदद करेगा।
ब्लैक बॉक्स क्या है?
नाम के विपरीत, ब्लैक बॉक्स काला नहीं, बल्कि चमकीला नारंगी रंग का होता है, ताकि हादसे के बाद इसे आसानी से खोजा जा सके। यह दो अलग-अलग उपकरणों का समूह है:
- फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR): यह विमान के तकनीकी डेटा जैसे ऊंचाई, गति, इंजन की शक्ति, नियंत्रण सतहों की स्थिति (फ्लैप्स, रडर, एलिवेटर) और सिस्टम अलर्ट को रिकॉर्ड करता है। आधुनिक विमान, जैसे बोइंग 787, हजारों मापदंडों को रिकॉर्ड कर सकते हैं।
- कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR): यह कॉकपिट में होने वाली बातचीत, रेडियो संचार, चेतावनी अलार्म और यांत्रिक ध्वनियों को रिकॉर्ड करता है। इससे पायलटों की कार्रवाइयों और हादसे से पहले की स्थिति का पता चलता है।
ये दोनों उपकरण मजबूत, आग और पानी प्रतिरोधी आवरण में रखे जाते हैं, जो 1100 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान, 3400 जी का प्रभाव और गहरे समुद्र का दबाव सहन कर सकते हैं। पानी में डूबने पर ब्लैक बॉक्स में लगा एक अल्ट्रासोनिक बीकन 30 दिनों तक सिगनल भेजता है, जिससे इसे खोजना आसान होता है।
ब्लैक बॉक्स क्यों महत्वपूर्ण है?
ब्लैक बॉक्स विमान दुर्घटना की जांच में सबसे महत्वपूर्ण साक्ष्य होता है। यह निम्नलिखित कारणों से हादसे के रहस्य खोलने में मदद करता है:
- हादसे का कारण: यह पता लगाता है कि दुर्घटना तकनीकी खराबी, इंजन फेलियर, पक्षी से टक्कर, ऑनबोर्ड आग, या मानवीय त्रुटि के कारण हुई थी।
- पायलट की कार्रवाइयां: कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से पायलटों की बातचीत और मेडे कॉल की जानकारी मिलती है, जिससे उनकी प्रतिक्रिया और निर्णयों का विश्लेषण किया जाता है।
- सुरक्षा सुधार: ब्लैक बॉक्स के डेटा से न केवल हादसे का कारण पता चलता है, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नए सुरक्षा मानक, प्रशिक्षण और विमान डिजाइन में बदलाव किए जाते हैं।
उदाहरण के लिए, 2015 के जर्मनविंग्स हादसे और 2020 के कोझिकोड विमान हादसे की जांच में ब्लैक बॉक्स ने निर्णायक भूमिका निभाई थी। कोझिकोड हादसे में ब्लैक बॉक्स ने पायलट के निर्णय और रनवे की स्थिति को समझने में मदद की थी।
अहमदाबाद हादसे में ब्लैक बॉक्स की भूमिका
अहमदाबाद हादसे में ब्लैक बॉक्स यह समझने में मदद करेगा कि विमान इतनी कम ऊंचाई (625 फीट) पर क्यों दुर्घटनाग्रस्त हुआ। यह निम्नलिखित जानकारी प्रदान करेगा:
- इंजन की स्थिति: क्या इंजन में कोई खराबी थी या उसने काम करना बंद कर दिया था?
- पायलट की प्रतिक्रिया: मेडे कॉल के बाद पायलटों ने विमान को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाए?
- सिस्टम अलर्ट: क्या विमान में कोई स्वचालित चेतावनी थी, जैसे पक्षी से टक्कर या आग की चेतावनी?
- उड़ान पथ: विमान की गति, ऊंचाई और नियंत्रण सतहों की स्थिति का सटीक रिकॉर्ड।
हादसे के बाद जांचकर्ता ब्लैक बॉक्स को प्राथमिकता के साथ खोज रहे हैं। इसे डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) या एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) के फोरेंसिक लैब में भेजा जाएगा, जहां विशेषज्ञ डेटा को निकालकर विश्लेषण करेंगे। इस प्रक्रिया में कुछ दिन से लेकर कुछ हफ्ते लग सकते हैं, लेकिन शुरुआती निष्कर्ष 24 घंटों के भीतर मिल सकते हैं।
वर्तमान स्थिति
अहमदाबाद हादसे में बचाव कार्य जारी हैं, और भारतीय सेना, NDRF, CRPF और तटरक्षक बल सहित कई टीमें मौके पर तैनात हैं। एकमात्र जीवित बचे रमेश विश्वकर्मा का इलाज चल रहा है। एयर इंडिया ने हेल्पलाइन नंबर (1800 5691 444) और विदेशी नागरिकों के लिए +91 8062779200 जारी किया है। यूके की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (AAIB) भी जांच में सहायता के लिए भारत पहुंच रही है, क्योंकि विमान में 53 ब्रिटिश नागरिक सवार थे।
निष्कर्ष
ब्लैक बॉक्स विमान हादसों की जांच का “दिल” होता है, जो हर महत्वपूर्ण जानकारी को रिकॉर्ड करता है। अहमदाबाद के इस दुखद हादसे में ब्लैक बॉक्स न केवल दुर्घटना के कारणों को उजागर करेगा, बल्कि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण सबक भी देगा। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, सभी की निगाहें इस छोटे से नारंगी उपकरण पर टिकी हैं, जो 242 लोगों की जिंदगी से जुड़े सवालों के जवाब देगा।