स्तन कैंसर को अक्सर महिलाओं से जोड़ा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह पुरुषों को भी हो सकता है? हालांकि पुरुषों में स्तन कैंसर दुर्लभ है, लेकिन इसके मामले बढ़ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल विश्व भर में पुरुषों में स्तन कैंसर के लगभग 0.5-1% मामले सामने आते हैं। भारत में भी शहरी क्षेत्रों में इस बीमारी की जागरूकता की कमी के कारण देर से निदान होने की समस्या देखी जा रही है। समय पर पहचान और उपचार से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। आइए जानते हैं पुरुषों में स्तन कैंसर के 6 प्रमुख लक्षण, इसके कारण और बचाव के उपाय।
पुरुषों में स्तन कैंसर के 6 प्रमुख लक्षण
- स्तन में गांठ या सूजन:
सबसे आम लक्षण है स्तन के ऊतकों में दर्द रहित गांठ या मोटापन। यह गांठ आमतौर पर निप्पल के आसपास या बगल में महसूस होती है। अगर आपको ऐसी कोई गांठ दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। - निप्पल से असामान्य स्राव:
निप्पल से खूनी या पारदर्शी स्राव होना एक गंभीर संकेत हो सकता है। यह लक्षण पुरुषों में कैंसर की शुरुआती अवस्था को दर्शा सकता है। - निप्पल का अंदर की ओर धंसना:
अगर निप्पल अचानक अंदर की ओर खिंचने लगे या उसका आकार बदल जाए, तो यह स्तन कैंसर का संकेत हो सकता है। - स्तन की त्वचा में बदलाव:
स्तन की त्वचा का लाल होना, सिकुड़ना, या संतरे के छिलके जैसा दिखना (डिंपलिंग) भी एक चेतावनी संकेत है। - बगल में लिम्फ नोड्स की सूजन:
बगल या गर्दन के नीचे लिम्फ नोड्स का सख्त होना या सूजन होना कैंसर के फैलने का संकेत हो सकता है। हालांकि, यह किसी सामान्य संक्रमण के कारण भी हो सकता है, लेकिन जांच जरूरी है। - स्तन क्षेत्र में दर्द या असहजता:
हालांकि दर्द आमतौर पर स्तन कैंसर का लक्षण नहीं होता, लेकिन कुछ पुरुषों में स्तन क्षेत्र में लगातार असहजता या दर्द महसूस हो सकता है।
पुरुषों में स्तन कैंसर के कारण
स्तन कैंसर का सटीक कारण अभी भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, लेकिन कुछ जोखिम कारक इसे बढ़ा सकते हैं:
- आनुवंशिक कारक: BRCA1 और BRCA2 जीन में म्यूटेशन पुरुषों में स्तन कैंसर का खतरा बढ़ाता है। अगर परिवार में किसी को स्तन कैंसर रहा हो, तो जोखिम अधिक होता है।
- हार्मोनल असंतुलन: टेस्टोस्टेरोन की तुलना में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ना, जैसे कि लिवर रोग या हार्मोन थेरेपी के कारण, जोखिम को बढ़ा सकता है।
- उम्र: 60 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में यह बीमारी अधिक देखी जाती है।
- मोटापा और शराब का सेवन: अधिक वजन और अत्यधिक शराब का सेवन हार्मोनल बदलाव को बढ़ावा देता है, जो कैंसर का कारण बन सकता है।
- विकिरण जोखिम: छाती क्षेत्र में पहले हुई रेडिएशन थेरेपी भी जोखिम बढ़ा सकती है।
- क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम: यह एक आनुवंशिक स्थिति है जिसमें पुरुषों में अतिरिक्त X क्रोमोसोम होता है, जो स्तन कैंसर का खतरा बढ़ाता है।
निदान और उपचार
निदान:
- स्व-जांच: पुरुषों को नियमित रूप से अपने स्तन और बगल की जांच करनी चाहिए। किसी भी असामान्य बदलाव पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- मैमोग्राम और अल्ट्रासाउंड: गांठ की प्रकृति जानने के लिए ये टेस्ट किए जाते हैं।
- बायोप्सी: संदिग्ध ऊतक का नमूना लेकर प्रयोगशाला में जांच की जाती है।
उपचार:
- सर्जरी: ट्यूमर को हटाने के लिए मास्टेक्टॉमी या लम्पेक्टॉमी की जाती है।
- कीमोथेरेपी और रेडिएशन: कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए।
- हार्मोन थेरेपी: हार्मोन-संवेदनशील कैंसर के लिए।
- टारगेटेड थेरेपी: विशिष्ट कैंसर कोशिकाओं को निशाना बनाने के लिए।
बचाव के उपाय
- स्वस्थ जीवनशैली: संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और वजन नियंत्रण से जोखिम कम हो सकता है।
- शराब और धूम्रपान से बचें: ये दोनों हार्मोनल असंतुलन को बढ़ाते हैं।
- नियमित जांच: खासकर अगर परिवार में कैंसर का इतिहास हो, तो समय-समय पर स्क्रीनिंग करवाएं।
- जागरूकता: पुरुषों को स्तन कैंसर के बारे में जानकारी होनी चाहिए ताकि वे लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
नवीनतम जानकारी
2025 तक, पुरुषों में स्तन कैंसर के मामलों में मामूली वृद्धि देखी गई है, खासकर शहरी क्षेत्रों में। हाल के शोधों से पता चला है कि प्रारंभिक निदान और उन्नत उपचार, जैसे इम्यूनोथेरेपी, से जीवित रहने की दर में सुधार हुआ है। भारत में अक्टूबर को “स्तन कैंसर जागरूकता माह” के रूप में मनाया जाता है, जिसमें पुरुषों को भी जागरूक करने पर जोर दिया जा रहा है।
निष्कर्ष
पुरुषों में स्तन कैंसर भले ही दुर्लभ हो, लेकिन इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। ऊपर बताए गए लक्षणों पर नजर रखें और किसी भी असामान्य बदलाव पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें। जागरूकता और समय पर उपचार इस बीमारी से निपटने का सबसे प्रभावी तरीका है। अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और नियमित जांच को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। सटीक निदान और उपचार के लिए हमेशा प्रमाणित चिकित्सक से परामर्श करें।