आरा, 12 जून 2025: केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी ताकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को मजबूती मिले और बिहार में एक बार फिर NDA की सरकार बने। भोजपुर जिले के आरा में ‘नव संकल्प महासभा’ में चिराग ने यह घोषणा की, जिससे बिहार की सियासत में हलचल मच गई है।
चिराग का बयान: बिहार के लिए, बिहार से नहीं
चिराग पासवान ने आरा के वीर कुंवर सिंह स्टेडियम में आयोजित सभा में कहा, “मैं बिहार से नहीं, बिहार के लिए चुनाव लडूंगा। मेरी पार्टी और मैं 243 सीटों पर NDA की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे।” उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी NDA का हिस्सा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरी तरह आस्था रखती है। चिराग ने कहा कि उनका लक्ष्य बिहार को देश का नंबर एक राज्य बनाना है।
उन्होंने यह भी कहा, “लोग पूछते हैं कि मैं चुनाव लडूंगा या नहीं। मेरा जवाब है- मैं हर उस सीट पर लडूंगा जहां NDA का झंडा लहराएगा। जनता तय करे कि मुझे किस सीट से लड़ना चाहिए।” इस बयान से चिराग ने अपनी महत्वाकांक्षा और NDA के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को साफ कर दिया।
RJD और कांग्रेस पर हमला
चिराग ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने बिहार के कथित ‘जंगलराज’ का जिक्र करते हुए कहा, “जंगलराज के लिए सिर्फ RJD ही नहीं, कांग्रेस भी बराबर जिम्मेदार है। उस समय दोनों दल सत्ता में थे और बिहार को अराजकता की ओर धकेला।” उन्होंने NDA सरकार द्वारा कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के फैसले को ऐतिहासिक बताया और कहा कि यह सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम है।
NDA में सीट बंटवारे पर सस्पेंस
हालांकि चिराग ने सभी 243 सीटों पर लड़ने की बात कही, लेकिन NDA में सीट बंटवारे को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, NDA में सीट बंटवारा लोकसभा चुनाव 2024 के फॉर्मूले पर आधारित हो सकता है। इस फॉर्मूले के तहत भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) को करीब 200 सीटें मिल सकती हैं, जबकि LJP (रामविलास) को 25-28 सीटें, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) को 6-7 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) को 4-5 सीटें मिलने की संभावना है।
चिराग ने कहा कि सीट बंटवारे पर कोई औपचारिक चर्चा अभी तक नहीं हुई है। उन्होंने जोर देकर कहा, “हम सम्मानजनक भागीदारी चाहते हैं और इस बारे में NDA की बैठक में अपनी बात रखेंगे।” कुछ खबरों के मुताबिक, चिराग 40 सीटों की मांग कर रहे हैं, लेकिन BJP और JDU इससे कम सीटें देने के मूड में हैं।
2020 का सबक और नई रणनीति
2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग ने NDA से अलग होकर 134 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उनकी पार्टी को सिर्फ एक सीट मिली थी। इस बार वे NDA के साथ रहकर अपनी स्थिति मजबूत करना चाहते हैं। चिराग की रणनीति सिर्फ दलित वोटों तक सीमित नहीं है। वे सामान्य सीटों पर भी चुनाव लड़कर सभी वर्गों के बीच अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।
बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट का नारा
चिराग ने अपने ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ नारे को दोहराते हुए कहा कि उनका सपना बिहार के युवाओं को राज्य में ही शिक्षा, रोजगार और अवसर उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि बिहार का युवा यहीं पढ़े, बढ़े और काम करे।” उनकी रैलियों में भारी भीड़ और खासकर युवाओं का उत्साह उनकी बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।
क्या होगा NDA का भविष्य?
चिराग पासवान की इस आक्रामक रणनीति ने NDA के भीतर और बाहर सियासी हलचल बढ़ा दी है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि चिराग का यह कदम JDU के लिए चुनौती बन सकता है, खासकर क्योंकि 2020 में उनकी रणनीति ने JDU की सीटें 115 से घटाकर 43 कर दी थीं। वहीं, BJP चिराग को JDU के खिलाफ एक रणनीतिक मोहरे के रूप में देख सकती है।
JDU प्रवक्ता नीरज कुमार ने चिराग के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “गठबंधन भरोसे पर चलता है। सीट बंटवारे का फैसला NDA का केंद्रीय नेतृत्व समय पर लेगा।”
निष्कर्ष
चिराग पासवान का 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान बिहार की सियासत में एक बड़ा दांव है। उनकी रणनीति NDA को मजबूत करने के साथ-साथ अपनी पार्टी की स्थिति को और सशक्त करने की है। हालांकि, सीट बंटवारे और गठबंधन की एकता को लेकर आने वाले दिन अहम होंगे। बिहार की जनता की नजर अब इस सियासी खेल पर टिकी है कि चिराग का यह दांव कितना रंग लाता है।