सेलिब्रिटी समर्थित आदिवासी हेयर ऑयल: एक अनोखी सफलता की कहानी

सेलिब्रिटी समर्थित आदिवासी हेयर ऑयल: एक अनोखी सफलता की कहानी

क्या आपने हाल ही में सोशल मीडिया पर आदिवासी हेयर ऑयल के बारे में सुना है? यह तेल अचानक से चर्चा में आ गया है। बड़े-बड़े सितारे और इंफ्लुएंसर इसका प्रचार कर रहे हैं। लेकिन यह तेल है क्या और इतना मशहूर कैसे हो गया? आइए जानते हैं इस तेल की पूरी कहानी।

आदिवासी हेयर ऑयल क्या है?

आदिवासी हेयर ऑयल कर्नाटक के आदिवासी इलाकों से आने वाला एक तेल है। इसे हक्की पिक्की समुदाय के लोग बनाते हैं। वे कहते हैं कि इस तेल में 118 जड़ी-बूटियां हैं। यह तेल बालों के झड़ने, गंजेपन, रूसी और सफेद बालों की समस्या को दूर करने का दावा करता है।

कैसे बना यह तेल मशहूर?

इस तेल की मशहूरी का राज है सोशल मीडिया और सेलिब्रिटी का समर्थन। कई बड़े सितारे और इंफ्लुएंसर इस तेल का प्रचार कर रहे हैं। इनमें फराह खान, सोनू सूद, भारती सिंह, आरजे नवेद और एल्विश यादव जैसे नाम शामिल हैं।

ये सेलिब्रिटी बेंगलुरु जाते हैं। वहां वे तेल बनने की जगह देखते हैं। आदिवासी संस्कृति के बारे में जानते हैं। इसके वीडियो बनाते हैं। ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल होते हैं।

तेल की खास बातें

इस तेल की कुछ खास बातें हैं:

  1. यह तेल आदिवासी इलाकों से आता है।
  2. इसमें सिर्फ प्राकृतिक चीजें हैं।
  3. इसे बेचने वाले मॉडल के लंबे और सुंदर बाल होते हैं।
  4. यह व्हाट्सएप पर बेचा जाता है। 500 मिली की बोतल 1,500 रुपये की है।

तेल का बाजार

आदिवासी हेयर ऑयल अब अकेला नहीं है। बेंगलुरु से मंगलुरु के रास्ते में 50 से ज्यादा दुकानें हैं। ये सभी ऐसे ही तेल बेचती हैं। अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर भी कई ब्रांड मिलते हैं। जैसे आदिवासी अजय हेयर ऑयल, नीलांबरी आदिवासी हेयर ऑयल और ऑफिशियल आदिवासी हेयर ऑयल।

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सेलिब्रिटी और इंफ्लुएंसर का रोल

सेलिब्रिटी और इंफ्लुएंसर इस तेल को मशहूर बनाने में बड़ा रोल निभा रहे हैं। वे अपने यूट्यूब चैनल और इंस्टाग्राम पर वीडियो बनाते हैं। लोगों को इस तेल को आजमाने के लिए कहते हैं।

लेकिन यह सब मुफ्त में नहीं होता। कंपनियां इन सेलिब्रिटी को पैसे देती हैं। एल्विश यादव जैसे इंफ्लुएंसर एक पोस्ट के लिए 20-30 लाख रुपये तक ले सकते हैं।

क्या यह तेल सच में काम करता है?

इस तेल के बारे में लोगों की राय अलग-अलग है। कुछ लोग कहते हैं कि इससे उनके बाल अच्छे हुए हैं। लेकिन कुछ लोग इसे धोखा भी बताते हैं।

डॉक्टरों का कहना है कि इस तेल के दावों के पीछे कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है। वे कहते हैं:

  1. सिर्फ तेल लगाने से रूसी नहीं जाती।
  2. बाल सफेद होना जीन्स, उम्र या विटामिन की कमी से होता है। तेल से यह नहीं रुक सकता।
  3. गंजापन भी तेल से नहीं रुकता।

आदिवासी हेयर ऑयल से जुड़े विवाद

इस तेल से कुछ समस्याएं भी जुड़ी हैं:

  1. कई कंपनियां अपने तेल को ‘असली’ बताती हैं। इससे ग्राहक भ्रमित होते हैं।
  2. इस तेल को FSSAI या FDA की मंजूरी नहीं है।
  3. कुछ लोग इसे नकली बताते हैं।
  4. ऑनलाइन कई नकारात्मक रिव्यू भी हैं।

निष्कर्ष

आदिवासी हेयर ऑयल की कहानी दिलचस्प है। यह बताती है कि कैसे पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक मार्केटिंग मिलकर एक प्रोडक्ट को मशहूर बना सकते हैं। लेकिन इसके साथ कई सवाल भी जुड़े हैं। अगर आप इस तेल को इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो पहले डॉक्टर से सलाह लें। याद रखें, हर चीज जो वायरल होती है, वो जरूरी नहीं कि अच्छी हो।

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