एप्पल ने इंडोनेशिया में आईफोन 16 की बिक्री पर लगे बैन को हटाने के लिए 100 मिलियन डॉलर के निवेश का प्रस्ताव दिया

Apple proposes investing $100 million to lift ban on iPhone 16 sales in Indonesia

एप्पल ने इंडोनेशिया में अपने नए आईफोन 16 की बिक्री पर लगे बैन को हटवाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने देश में 100 मिलियन डॉलर का निवेश करने का प्रस्ताव रखा है। यह कदम इंडोनेशिया के उन नियमों को पूरा करने के लिए उठाया गया है, जिनके तहत कुछ इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए 40% घरेलू सामग्री या निर्माण की जरूरत होती है।

इंडोनेशिया ने अक्टूबर 2024 में एप्पल के नए आईफोन 16 और एप्पल वॉच सीरीज 10 जैसे नए उत्पादों पर बैन लगा दिया था। यह बैन इसलिए लगाया गया था क्योंकि एप्पल ने सरकार के उस नियम को पूरा नहीं किया था, जिसमें कहा गया था कि कुछ उत्पादों के कम से कम 40% हिस्से या निर्माण का काम इंडोनेशिया में होना चाहिए।

इस नियम का मकसद इंडोनेशिया की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और स्थानीय नौकरियां पैदा करना है। कंपनियां इस नियम को कई तरह से पूरा कर सकती हैं, जैसे:

  • स्थानीय सामग्री का इस्तेमाल करके
  • इंडोनेशियाई कर्मचारियों को काम पर रखकर
  • देश में निर्माण सुविधाएं स्थापित करके

एप्पल ने पहले से ही इंडोनेशिया में करीब 94 मिलियन डॉलर का निवेश किया था। इसमें स्थानीय तकनीकी प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करने के लिए डेवलपर अकादमियां खोलना भी शामिल था। लेकिन यह निवेश सरकार की तय सीमा को पूरा करने के लिए काफी नहीं था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एप्पल 15 मिलियन डॉलर कम निवेश कर पाई थी।

एप्पल का 100 मिलियन डॉलर का प्रस्ताव

शुरू में, एप्पल ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए 10 मिलियन डॉलर का प्रस्ताव दिया था। लेकिन सरकार ने इसे खारिज कर दिया। अब कंपनी ने एक बहुत बड़ा प्रस्ताव पेश किया है – 100 मिलियन डॉलर का निवेश।

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इस नए प्रस्ताव के तहत, एप्पल इंडोनेशिया में एक निर्माण संयंत्र स्थापित करेगी। यह कारखाना एप्पल को 40% घरेलू सामग्री की जरूरत को पूरा करने और स्थानीय नियमों का पालन करने में मदद करेगा।

इंडोनेशिया के उद्योग मंत्रालय इस हफ्ते एप्पल के नवीनतम प्रस्ताव की समीक्षा करेगा। अगर यह मंजूर हो जाता है, तो यह निर्माण संयंत्र देश को कई फायदे दे सकता है। इसमें नई नौकरियां पैदा होना और आर्थिक विकास शामिल है।

इंडोनेशिया एप्पल के लिए क्यों महत्वपूर्ण है

इंडोनेशिया एप्पल के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण बाजार है। इसकी कई वजहें हैं:

  1. बड़ी आबादी: इंडोनेशिया की आबादी 280 मिलियन से ज्यादा है। यह दुनिया का चौथा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है।
  2. स्मार्टफोन की बढ़ती मांग: यहां स्मार्टफोन के लिए तेजी से बढ़ता बाजार है।
  3. प्रतिस्पर्धा: बैन की वजह से एप्पल के प्रतिद्वंदी कंपनियों जैसे सैमसंग और शाओमी को फायदा मिल रहा है। इन कंपनियों के पहले से ही इंडोनेशिया में कारखाने हैं और वे अपने नए उत्पाद बिना किसी रोक-टोक के बेच सकती हैं।
  4. दक्षिण-पूर्व एशिया का सबसे बड़ा अर्थव्यवस्था: इंडोनेशिया इस क्षेत्र की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाता है।

स्थानीय निर्माण संयंत्र बनाने की प्रतिबद्धता से एप्पल न केवल बैन हटाने की कोशिश कर रही है, बल्कि इंडोनेशिया में अपनी दीर्घकालिक रुचि भी दिखा रही है। अगर यह सौदा हो जाता है, तो यह दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है। एप्पल को एक बड़े बाजार तक पहुंच मिलेगी, जबकि इंडोनेशिया को आर्थिक लाभ होगा।

एप्पल के प्रस्ताव का विवरण

एप्पल के 100 मिलियन डॉलर के निवेश प्रस्ताव में कई चीजें शामिल हैं:

  1. समय सीमा: यह निवेश अगले दो साल में किया जाएगा।
  2. अनुसंधान और विकास: इसमें बाली और जकार्ता में अनुसंधान और विकास केंद्र स्थापित करना शामिल है।
  3. डेवलपर अकादमियां: एप्पल बाली और जकार्ता में डेवलपर अकादमियां भी स्थापित करेगी।
  4. निर्माण: बांडुंग में जुलाई 2025 से एयरपॉड्स मैक्स के कान के कप मेश के हिस्सों का निर्माण शुरू किया जाएगा।
  5. स्थानीय आपूर्तिकर्ता: इंडोनेशिया सरकार चाहती है कि एप्पल घरेलू आपूर्तिकर्ताओं से कंपोनेंट्स खरीदे। इससे स्थानीय रोजगार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
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सरकार की प्रतिक्रिया

इंडोनेशिया सरकार ने एप्पल के प्रस्ताव पर विचार किया है, लेकिन वह इससे पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। सरकार के प्रवक्ता फेब्री हेंद्री अंतोनी अरिफ ने कहा:

“सरकार के नजरिए से, हम चाहते हैं कि यह निवेश और बड़ा हो।”

सरकार विशेष रूप से चाहती है कि एप्पल घरेलू आपूर्तिकर्ताओं से कंपोनेंट्स खरीदे। उनका मानना है कि इससे स्थानीय रोजगार पर बहुगुणा प्रभाव पड़ेगा।

उद्योग मंत्री अगुस गुमिवांग कार्तासास्मिता ने एप्पल के प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए आंतरिक बैठक भी की है। हालांकि, सरकार कंपनी से और बड़ी प्रतिबद्धताओं की उम्मीद कर रही है।

एप्पल के पिछले प्रयास

यह पहली बार नहीं है जब एप्पल ने इंडोनेशिया में निवेश करने की कोशिश की है। कंपनी के पिछले प्रयासों में शामिल हैं:

  1. डेवलपर अकादमियां: एप्पल ने पहले ही इंडोनेशिया में कई डेवलपर अकादमियां खोली हैं। इनका मकसद स्थानीय तकनीकी प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करना है।
  2. पिछला निवेश: कंपनी ने पहले ही देश में करीब 94 मिलियन डॉलर का निवेश किया है।
  3. टिम कुक का दौरा: अप्रैल 2024 में, एप्पल के सीईओ टिम कुक ने इंडोनेशिया का दौरा किया। उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति जोको विडोडो से मुलाकात की और वादा किया कि एप्पल इंडोनेशिया को निर्माण साझेदार के रूप में देखेगी।

इंडोनेशिया की नीति का प्रभाव

इंडोनेशिया की यह नीति सिर्फ एप्पल को ही प्रभावित नहीं कर रही है। इसका असर अन्य बड़ी तकनीकी कंपनियों पर भी पड़ रहा है:

  1. गूगल: इंडोनेशिया ने गूगल के पिक्सल फोन की बिक्री पर भी बैन लगा दिया है। यह बैन भी निवेश की कमी की वजह से लगाया गया है।
  2. टिकटॉक: पिछले साल, इंडोनेशिया ने टिकटॉक को अपनी शॉपिंग सुविधा को वीडियो सेवा से अलग करने के लिए मजबूर किया। इसका मकसद अपने खुदरा क्षेत्र को सस्ते चीनी सामान से बचाना था।
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ये कदम दिखाते हैं कि इंडोनेशिया की नई सरकार अंतरराष्ट्रीय कंपनियों पर स्थानीय निर्माण बढ़ाने के लिए दबाव डाल रही है। इससे घरेलू उद्योगों को फायदा होगा।

निष्कर्ष

एप्पल और इंडोनेशिया के बीच चल रहा यह मामला वैश्विक व्यापार और तकनीकी उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। यह दिखाता है कि कैसे देश अपनी अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए बड़ी कंपनियों पर दबाव डाल रहे हैं।

इस मामले का नतीजा न सिर्फ एप्पल और इंडोनेशिया के लिए महत्वपूर्ण होगा, बल्कि यह अन्य देशों और कंपनियों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है। यह तय करेगा कि भविष्य में वैश्विक कंपनियां विकासशील देशों में कैसे काम करेंगी।

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